ये मौसम रंगीन समा - The Indic Lyrics Database

ये मौसम रंगीन समा

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - मुकेश | संगीत - रवी | फ़िल्म - यहुदी | वर्ष - 1958

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ये मौसम रंगीन समा, ठहर ज़रा ओ जान-ए-जां
तेरा मेरा, मेरा तेरा प्यार है, तो फिर कैसा शरमाना
रुक तो मैं जाऊं जान-ए-जां, मुझको है इन्कार कहां
तेरा मेरा, मेरा तेरा प्यार सनम ना बन जाये अफ़साना
ये चाँद ये सितारें, कहते हैं मिल के सारे, आजा प्यार करे
ये चंदा बैरी देखे, ऐसे में बोलो कैसे इक़रार करे
दिल में है कुछ, कुछ कहे जुबां
प्यार यही है जान-ए-जां
ये प्यार की लंबी राहें, कहती हैं ये निगाहें कहीं दूर चले
बैठे हैं घेरा डाले, ये ज़ालिम दुनिया वाले, हमें देख जले
जलता है तो जले जहां
ठहर ज़रा ओ जान-ए-जां