नज़रों ने तेरी जब दिल को छुआ - The Indic Lyrics Database

नज़रों ने तेरी जब दिल को छुआ

गीतकार - प्रवीण भारद्वाज | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, उदित नारायण | संगीत - जतिन, ललित | फ़िल्म - आंखें | वर्ष - 2002

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नज़रों ने तेरी जब दिल को छुआ
सीने से गया मेरा दिल ये दीवाना दिल कहाँ है
तेरा दिल हम चुरा ले गए
दिल बन के हम आ गए
तेरा दिल हम चुरा ले गए
दीवाने क्या जाने तू दीवानगी मेरी
हाय नज़रों ने तेरी ...दिल तो चुराया तुम ने हमारा
इस दिल का तुम क्या करोगे
हम ने भी देखो ऐसा किया जो
फिर तुम भी आहें भरोगे
देखो इसे ना शरारत कहो
दिल की ज़रूरत कहो
ओ देखो इसे ना शरारत कहो
आ जाओ बाहों में छाने दो ये बेखुदी
नज़रों ने तेरी ...जब से मिले तुम ऐसे खिले हम
फूलों की नींदें उड़ी हैं
रिश्ता ये कैसा साँसों से साँसे
धड़कन से धड़कन जुड़ी हैं
कभी मिल के न होंगे जुदा
वादा ये वादा रहा
कभी मिल के न होंगे जुदा
जीना है मरना है मुझे राहों में प्यार की
हाय नज़रों ने तेरी ...मेरा दिल क्यूँ चुरा ले गए
दीवाने क्या जाने तू दीवानगी मेरी