अपनी छब बनाय के छप तिलक सब छिइनि रे - The Indic Lyrics Database

अपनी छब बनाय के छप तिलक सब छिइनि रे

गीतकार - इन्दीवर | गायक - आशा भोंसले | संगीत - सपन-जगमोहन | फ़िल्म - दोराहा: | वर्ष - 1971

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अप्नी छप बनयिके जो मै पि के पास गयि
अप्नी छप बनयिके जो मै पि के पास गयि
जब छप देख पिउ कि सो मै अप्नी भुल गयि

छप तिलक सब छिनी रे मोह से नैना मिलयिके
छप तिलक सब छिनी रे मोह से नैना मिलयिके
छप तिलक सब छिनी रे मोह से नैना नैना मिलयिके
नैना मिलयिके नैना मिलयिके, नैना मिलयिके
छप तिलक सब छिनी रे मोह से नैना नैना मिलयिके
नैना मिलयिके नैना मिलयिके
छप तिलक सब छिनी रे मोह से नैना मिलयिके

ए रि सखी मै तोसे कहु, तोसे कहु हए तोसे कहु
मै जो गयी थि पनिय भरन को
पनिय भरन को, पनिय भरन को, पनिय भरन को
छिन झापात मोरी मत्की पत्कि
छिन झापात मोरी छिन झापात मोरि
छिन झापात मोरी मत्की पत्कि, नैना मिलयिके
छप तिलक सब छिनी रे मोह से नैना मिलयिके

बल बल जौ मै, बल बल जौ मै
तोरे रङ राजव, तोरे रङ राजव
बल बल जौ मै, बल बल जौ मै
तोरे रङ राजव, तोरे रङ राजव, तोरे रङ राजव
अप्नी सि अप्नी सि अप्नी सि रङ लि मोसे, नैना मिलयिके
छप तिलक सब छिनी रे मोह से नैना मिलयिके

एए रि सखी मै तोसे कहु, मै तोसे कहु हए तोसे कहु
हरी हरी चुदिय, हरी हरी चुदिय
गोरी गोरी बैय, गोरी गोरी बैय
हरी हरी चुदिय, हरी हरी चुदिय
गोरी गोरी बैय, गोरी गोरी बैय
गोरी गोरी बैय, गोरी गोरी बैय
बैय पकद हर लि, बैय पकद हर लि, नैना मिलयिके
छप तिलक सब छिनी रे मोह से नैना मिलयिके
नैना मिलयिके नैना मिलयिके, नैना मिलयिके
छप तिलक सब छिनी रे मोह से नैना नैना मिलयिके