दुनिया एक कहानी रे भैया - The Indic Lyrics Database

दुनिया एक कहानी रे भैया

गीतकार - एस के दीपक | गायक - रफी | संगीत - हुस्नलाल-भगतराम | फ़िल्म - अफसाना | वर्ष - 1951

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प्रथम भाग:

दुनिया एक कहानी रे भैया दुनिया एक कहानी
तू ने कह दी मैने कह दी दुनिया एक कहानी
इस दुनिया के मेले मे कोई राजा है कोई राणी

इस मेले में हार जीत है और मेले का मेल
इस मेले में उड़न खटोले हाथी घोड़े रेल
कहीं हिंडोले कहीं तमाशे तरह तरह के खेल
इस मेले में पाना खोना जीवन बहता पानी

हरियत ले लो परियत ले लो ले लो चंदा तारा
आओ चुन्नु आओ मुन्नु ले लो नया गुब्बारा
मुनिया रानी हमें बता दो क्या है नाम तुम्हारा
कस कर डोर पकड़ना बिटिया मत करना नादानी
इस धागे मे बँधी रहेगी तेरी प्रीत पुरानी

आज यहाँ कल कहाँ हमें ले जायेगी तक़दीर
कौन कहे किसकी आँखों में कब भर आये नीर
एक बार जो किसी प्रीत की मिटती नहीं लकीर
भूल न जाना भटक न जाना भाया आनी-जानी

दूसरा भाग:

दुनिया एक कहानी रे भैया दुनिया एक कहानी
तू ने कह दी मैने कह दी दुनिया एक कहानी
इस दुनिया के मेले में कोई राजा है कोई राणी

दूर देश से पंछी आया मिलता नहीं बसेरा
अभी तलक उसकी आँखों में चाया हुआ अँधेरा
आँधी ने इनके तिनकों को चारों ओर बखेरा
बनी हुई है इक अफ़साना तेरी याद पुरानी$