बैठे हैं रहगुज़र पर दिल का दिया जलाये - The Indic Lyrics Database

बैठे हैं रहगुज़र पर दिल का दिया जलाये

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - आशा भोसले | संगीत - बाबुल | फ़िल्म - ४० दिन | वर्ष - 1959

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बैठे हैं रहगुज़र पर दिल का दिया जलाए
शायद वो दर्द जाने, शायद वो लौट आए
आकाश पर सितारें चल चल के थम गए हैं
शबनम के सर्द आँसू फूलों पे जम गए हैं
हम पर नहीं किसी पर ऐ काश रहम खाए
राहों में खो गई हैं हसरत भरी निगाहें
कब से लचक रही है अरमान की नर्म बाहें
हर मोड़ पर तमन्ना आहट उसीकी पाए