क्यों बजे हृदय विना के तार आइ बहारो - The Indic Lyrics Database

क्यों बजे हृदय विना के तार आइ बहारो

गीतकार - पं नरोत्तम व्यास | गायक - अशोक कुमार, लीला चिटनिस | संगीत - रामचंद्र पाल | फ़िल्म - कंगन | वर्ष - 1939

View in Roman

अ : ऊं ऊं ऊं ऊं
ली : ऊं ऊं ऊं
अ : क्यों बजे
हृदय वीना के तार
मुरझाई
मुरझाई
मन की बगिया में
आई बहार आई बहार -२ली : ( गये छोड़
नेह नाते को तोड़ ) -२
रहने दो ये झुटा दुलार -२
अ : बज उठा आज दिल का सितार -२मुरझाई
दो : मुरझाई
मन की बगिया में
आई बहार आई बहार -२अ : क्या रुठ गई हो प्यारी -२
ली : तुम बड़े निठुर गिरधारी -२
अ : अब मारो ना तानों की मार -२मुरझाई
दो : मुरझाई
मन की बगिया में
आई बहार आई बहार -२अ : ( क्यूँ छुपी कुन्ज में
बाहर क्यूँ नहीं आती ) -२
ली : दिल धरके घनश्याम -२
आती मैं शरमाती -२
अ : न तरसाओ न तरसाओ
दो : आई बहार आई बहार -२