जब है दास्तान तेरी ऐ जिंदगी - The Indic Lyrics Database

जब है दास्तान तेरी ऐ जिंदगी

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - शरारत | वर्ष - 1959

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( अजब है दास्ताँ तेरी ऐ ज़िंदगी ) २
कभी हँसा दिया रुला दिया कभी
अजब है दास्ताँ तेरी ऐ ज़िंदगीतुम आई माँ की ममता लिये तो मुस्कुराये हम
( के जैसे फिर से अपने बचपन में लौट आये हम ) २
( तुम्हारे प्यार के ) २
इसी (????) आँचल तले
( फिर से दीपक जले ) २ (????)
ढला अंधेरा जगी रोशनी (????)
अजब है दास्ताँ ...मगर बड़ा है संगदिल है ये मालिक तेरा जहाँ
( यहाँ माँ बेटो पे भी लोग उठाते है उंगलियाँ ) २
( कली ये प्यार की ) २
झुलस के रह गई (????)
( हर तरफ़ आग थी ) २ (????)
हँसाने आई थी रुलाकर चली
अजब है दास्ताँ ...