बाबा मन की आंखें खोली - The Indic Lyrics Database

बाबा मन की आंखें खोली

गीतकार - | गायक - के सी डे | संगीत - राय चंद बोराली | फ़िल्म - | वर्ष - 1935

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बाबा मन की आँखें खोल
मन की आँखें खोल बाबादुनिया क्या है एक तमाशा
चार दिनों की झूठी आशा
पल में तोला पल में माशा
ज्ञान तराज़ु लेके हाथ में तोल सके तो तोल
बाबा मन की ...मतलब की सब दुनियादारी
मतलब के सब हैं संसारी
जग में तेरा हो हितकारी
तन मन का सब जोर लगाकर नाम हरि का बोल
बाबा मन की ...