क्यूं मन ढूँढे प्रेम नदी का किनारा - The Indic Lyrics Database

क्यूं मन ढूँढे प्रेम नदी का किनारा

गीतकार - शम्स लखनविक | गायक - सुरेंद्र | संगीत - NA | फ़िल्म - लाल हवेली | वर्ष - 1944

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ले गए पहलू से दिल चोरी चोरी

ले गए पहलू से दिल चोरी चोरी

अल्लाह क़सम

हमको तो लूट लिया ज़ोरा ज़ोरी

अल्लाह क़सम

ले गए पहलू से दिल चोरी चोरी

अल्लाह क़सम

मिन्नतें कर के थके

मिन्नतें कर के थके रूठना बेकार हुआ

लाख समझाया मगर वो न वफ़ादार हुआ

तौबा तौबा

तौबा दिल देते थे हम तुझको कभी

अल्लाह क़सम

हमको तो, हमको तो

हमको तो लूट लिया ज़ोरा ज़ोरी

अल्लाह क़सम

ले गए पहलू से दिल चोरी चोरी

अल्लाह क़सम

जब किसी घत से उसे अपना बनाये ना बना

और चाहा के भुला दें के भुला दें

और चाहा के भुला दें तो भुलाये ना बना

कैसी ये जुड़ गई डोरी से डोरी

अल्लाह क़सम

हमको तो, हमको तो

हमको तो लूट लिया ज़ोरा ज़ोरी

अल्लाह क़सम

ले गए पहलू से दिल चोरी चोरी

अल्लाह क़सम

ले गए पहलू से दिल चोरी चोरी

अल्लाह क़सम