साजन के पास चली सजनी - The Indic Lyrics Database

साजन के पास चली सजनी

गीतकार - नरेंद्र शर्मा | गायक - लता | संगीत - सुधीर फड़के | फ़िल्म - सजनी | वर्ष - 1956

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तन पूजन क ताल है, मन पूजन क फूल
सजन मिलन को जा रही, सजनी सब दुख भूल
साजन के पास चली सजनी
मिलन की रजनी आ गई
मिलन की रजनी आ गई
धन इंद्रधंउश तन सोहे
दर्पण में रूप मन मोहे
नक शिक सिंगार संवारा, सभी नैनों को भा गई
मिलन की रजनी आ गई
साजन के पास चली सजनी
कहीं बजती मिलन बांसुरिया
बिना पिया कहे जिया पिया पिया
मेरे मन में रस की बदरिया आ बरसी, फिर चा गई
मिलन की रजनी आ गई
साजन के पास चली सजनी
बन चितवं चंद्र चकोरी
तुम डालो किरं की डोरी
मैं लपटों के पट पहने, अगं के रस में आ रही
मिलन की रजनी आ गई
साजन के पास चली सजनी
मिलन की रजनी आ गई
साजन के पास चली सजनी$