किसी सूरत लगी दिल की बहल जाये तो अच्छा हो - The Indic Lyrics Database

किसी सूरत लगी दिल की बहल जाये तो अच्छा हो

गीतकार - सत्येंद्र अथैया | गायक - तलत महमूद | संगीत - रोशन | फ़िल्म - नौबहार | वर्ष - 1952

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किसी सूरत लगी दिल की बहल जाये तो अच्छा हो
तमन्ना एक नये साँचे में ढल जाये तो अच्छा होमेरे दिल की नज़र को ठोकरे खाना नहीं आता
अंधेरे बढ़ रहे हैं शमा जल जाये तो अच्छा हो
किसी सूरत लगी दिल की बहल जाये तो अच्छा होकहाँ तक हैं किनारे होश के हम भी ज़रा देखें
हम भी ज़रा देखें
समंदर आरज़ुओं का मचल जाये तो अच्छा हो
तमन्ना एक नये साँचे में ढल जाये तो अच्छा हो
किसी सूरत लगी दिल की बहल जाये तो अच्छा होतू इस मिट्टी के बुत को धड़कने दे दे मोहब्बत की
मेरी दुनिया नई करवट बदल जाये तो अच्छा हो
किसी सूरत लगी दिल की बहल जाये तो अच्छा हो