पुरवाई पवन लहाराए - The Indic Lyrics Database

पुरवाई पवन लहाराए

गीतकार - जाकिर हुसैन | गायक - तलत महमूद, सुप्रोवा सरकार | संगीत - रॉबिन चटर्जी | फ़िल्म - तुम और मैं | वर्ष - 1947

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स्स:
पुरवाई पवन लहराए, ओ जिया गाए
कानों में कहता है कोई, (वो आयें)-३
त्म:
आई बसंत, आई बसंत, फूलों से दामन भरेत्म:
अम्बुवा की डाली पे बोले कोयलिया
स्स:
गुलशन में झूले पड़े
पुरवाई पवन लहराए ...त्म:
मन को लुभाए शाम सुहानी
रंगत हुई बन की रानी
उमंगों के दिन हैं, बहारों का मौसम
स्स: गुल पर है बुलबुल दिवानी
त्म: दिवानी
स्स: गुल पर है बुलबुल दिवानी
त्म: झूम झूम गाए नवेली अलबेली
स्स: प्रेमी के मन को हरे
बो: झूम झूम गाए नवेली अलबेली
प्रेमी के मन को हरेबो: (आई बसंत,)-२ फूलों से दामन भरे
बो: (आई बसंत,)-२ फूलों से दामन भरे