आओ चलें मनवा मोरे दुउर कहीं रे - The Indic Lyrics Database

आओ चलें मनवा मोरे दुउर कहीं रे

गीतकार - मोहन मिश्रा | गायक - मोहम्मद रफ़ी, राजकुमारी | संगीत - दत्ता ठाकरे | फ़िल्म - अमर प्रेम | वर्ष - 1948

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राज: आओ चलें मनवा मोरे दूर कहीं रेरफ़ी: सागर के छोर कहीं
राज: हाँ हाँ अम्बर के ओर
रफ़ी: क्षितिज बने नीड़ जहाँ
बादल झुके घोर
राज:
मोरे अँगना के दीप बनी तारों की पाँती हुई रेरफ़ी: कल्पना के पंख लगा
राज: कल्पना के पंख लगा
आओ उड़े दूर
रफ़ी: निठुर बड़ा हाय जगत
मेरे सपने करे चूर
राज:
मोरा जीवन रे मुक्त बहे, गा जाओ आसावरी रेरफ़ी: भ्रमर करे गुंज
राज: नाचें मोर जहाँ सुध-बुध भूल
रफ़ी: ओ सुन्दर सुन्दर खिले हो
आशा के नित्य नये फूल
राज:
मोरी बगिया में रह सदा बसन्त की बहार बनी रे