वो जिनकी नई है ये दुनिया मंज़िल है नई - The Indic Lyrics Database

वो जिनकी नई है ये दुनिया मंज़िल है नई

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - कोरस, आशा भोंसले, किशोर कुमार | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - धन दौलत | वर्ष - 1980

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आशा:
वो जिनकी नई है ये दुनिया, मंज़िल है नई
पीछे नहीं देखा करते मुड़-मुड़ के कभी
सजते ही चले जाते हैं जीवन की गलीजो रंग यहाँ देखोगे, सच कहते हैं हम
सपनों में ना देखा होगा कभी तुम्ने सनम
ऐसी ही निराली है ये जादूनगरी..किशोर:
वो जिनकी नई है ये दुनिया, मंज़िल है नई
पीछे नहीं देखा करते मुड़-मुड़ के कभी
सजते ही चले जाते हैं जीवन की गलीईमान-धरम की यारों बातें हैं तमाम
हर नाम से ऊँचा है जी धन-दौलत का नाम
सुन ऐ मेरे दिल अब तेरी दुनिया है यही..हम को तो मिले हर दिल में ऊँचे ही महल
पैसे की खनक से खिलते देखे हैं कमल
एक हम क्या हैं इस धुन के दीवाने सभी..