थोकेन खाईं मोहब्बत में परशानी हुई - The Indic Lyrics Database

थोकेन खाईं मोहब्बत में परशानी हुई

गीतकार - महरुल कादरी | गायक - खुर्शीद | संगीत - लाल मोहम्मद, पैगंकर | फ़िल्म - मिट्टी | वर्ष - 1947

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ठोकरें खाईं मोहब्बत में परेशानी हुई
दिल लगाया बेवफ़ा से सख़्त नादानी हुईक्या किसी से इस जहाँ में दिल लगाना है ग़ुनाह
क्या बताऊँ किस कदर इस दिल की नादानी हुईहो मुहब्बत का बुरा अपने पराए हो गए
आँखें दिखलाती है अब सूरत भी पहचानी हुई
ठोकरें खाईं ...