प्यारी प्यारी सुरातो मोह भरी मुरातो - The Indic Lyrics Database

प्यारी प्यारी सुरातो मोह भरी मुरातो

गीतकार - आरज़ू लखनवी | गायक - के एल सहगल | संगीत - पंकज मलिक | फ़िल्म - दुश्मन/दुश्मन | वर्ष - 1939

View in Roman

प्यारी-प्यारी सूरतो
मोह भरी मूरतो
देस से परदेस में
तुम्हरा सन्देसा आये है
तन से भी मन से भी
जैसे खिँचा जाये है
मदद करो
मदद करो
तुम संग आ जायेंगे( पहुँचेंगे आख़िर कभी
छानेंगे एक-एक गली ) -२देखें वो मुखड़ा अभी
होगी यही बेकली( गाल हैं जिसके गुलाब
रस आँखों का शराब ) -२
होँठ कहाँ रहेंगे फिर
फूल भी खो जायेंगेहाँ वोही गुल-रस भरी
जैसे बाजे
बाँसुरी
कानों में ले कर संदेस -४
नीं से
नींद से चौकाये है
( देस से हम दूर हैं दूर हैं
हाल से मजबूर हैं ) -२
मदद करो
मदद बिनामदद बिना कैसे पहुँच पायेंगे
मदद करो मदद करो मदद करो