भंवरो ना तब तक हंसाना रे - The Indic Lyrics Database

भंवरो ना तब तक हंसाना रे

गीतकार - पं. मधुर | गायक - जीएम दुर्रानी, ​​जोहराबाई अंबलेवाली | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - ललकर | वर्ष - 1944

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ग्म्द:
(भंवरो, ना)-२ तब तक हँसना रे
जब तक ना कलियाँ हंस देंज़:
क्यूँ पंछी शोर मचाते
क्यूँ प्रीत गीत ये गाते
(पपीहा ना)-२ पी पी कहना रे
जब तक ना कोयलिया हंस देग्म्द:
हम उनके घर पे आयें
वो हमें देख छुप जायें
(ऐ पांव)-२, न तुम थक जाना रे
जब तक ना गलियाँ हंस देंज़:
मेरा मन रूठा जाए
कोईं क्यूँ हमें मनाए
मांझी ना खेना नैया रे
जब तक ना नदिया हंस देग्म्द:
मन छीना दूरी दूरी
ये कैसी है मजबूरी
सावन ऐसे हंस देगा
सावन ऐसे हंस देगा रे
जब तक ना चिड़ियाँ हंस देंज़:
ओ हो गई जीत तुम्हारी
आखिर मैं, आखिर मैं तुम से हारी
अब आशाओं से कह दो
अब आशाओं से कह दो रे
बन कर दुल्हनिया हंस देबोथ:
हंस हंस कर हा हा ...
(हंस हंस कर हम थे रोये
रो रो कर हम थे खोये)-२
भूले से मन को कह दो
(भूले से मन को कह दो रे
अब भीगी अंखियाँ हंस दें)-२