ये हसीन वादीयाँ, ये खुला आसमां - The Indic Lyrics Database

ये हसीन वादीयाँ, ये खुला आसमां

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - महेंद्र कपूर | संगीत - रवि | फ़िल्म - गुमराह | वर्ष - 1963

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ये हसीन वादियां, ये खुला आसमां
आ गये हम कहाँ ऐ मेरे साजना
इन बहारों में दिल की कली खिल गयी
मुझ को तुम जो मिले हर खुशी मिल गयी
तेरे होठों पे हैं, हुस्न की बिजलियाँ
तेरे गालों पे हैं, जुल्फ की बदलियाँ
तेरे दामन की खुशबू से महके चमन
संगेमरमर के जैसा ये तेरा बदन
मेरी जान-ए-जां, मैं तेरी चाँदनी
छेड़ लो तुम आज कोई प्यार की रागिनी
ये हसीन वादियां, ये खुला आसमां
आ गये हम कहाँ, ऐ मेरे साजना
ये बंधन है प्यार का, देखो टूटे ना सजनी
ये जन्मों का साथ है, देखो छूटे ना सजना
तेरे आँचल की छाँव के तले मेरी मंज़िल मुझे मिल गयी
तेरी पलकों की छाँव के तले मोहब्बत मुझे मिल गयी
जी करता है साजना, दिल में तुम को बिठा लूँ
आ मस्ती की रात में, अपना तुम को बना लूँ
उठने लगे हैं तूफान क्यो, मेरे सीने में ऐ सनम
तुम्हे चाहूँगा दिल-ओ-जान से, मेरी जान-ए-जान तेरी कसम