जगत मुसाफिर खाना लगा है आना जाना: - The Indic Lyrics Database

जगत मुसाफिर खाना लगा है आना जाना:

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - आनंद बख्शी | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - बालिका बधू | वर्ष - 1976

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जगत मुसाफ़िर खाना, लगा है आना जानाचाँद छुपे तो सूरज निकले, सूरज डूबे हो जाए शाम
रुत आए रुत जाए मौसम, आने जाने का है नाम
हो जोगी, किसका थौर ठिकाना, ...देखे पहुँचे कौन कहाँ पर, राही निकला गाता हँसता
सबकी अपनी-अपनी मंज़िल, अपना-अपना रस्ता
ओ जोगी, जीवन पथ अंजाना, ...चार दिनों का मेल है भैया, जिसने सारे खेल रचाए
माँ बच्चों से मिलने आए, फिर वापस घर जाए
ओ जोगी, ये दसतूर पुराना, ...