तेरा जादुउ ना चलेगा ओ सपेरे - The Indic Lyrics Database

तेरा जादुउ ना चलेगा ओ सपेरे

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - गेस्ट हाउस | वर्ष - 1959

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तेरा जादू न चलेगा ओ सपेरे
काहे मारे मेरी गलियों के फेरे
मेरा रसिया तो मन में है मेरे
तू है कौन मेरा रस्ता जो घेरेदेख तू मुझको न हाथ लगा झूम के मैं डस लूँगी
आग लगे तेरी नस-नस में ऐसा ज़हर भर दूँगी
ओ कहीं तड़पे न साँझ सबेरे
तेरा जादू न चलेगा ...एक था दिल जो मैं दे ही चुकी क्या तुम लेने आए
नैनन जब चितचोर बसे कोई न और समाए
ओ नहीं आने वाली हाथ मैं तेरे
तेरा जादू न चलेगा ...