काम जहाँ में क्या क्या होते दिन दहाड़े - The Indic Lyrics Database

काम जहाँ में क्या क्या होते दिन दहाड़े

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - कुमार शानू, सहगान | संगीत - जीतू तपन | फ़िल्म - दीन दहाड़े | वर्ष - 1990

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कु : काम जहां में क्या-क्या होते -२
को : दिन-दहाड़े ३
कु : खेल तमाशे क्या क्या होते -४
को : आ आ आ
दिन-दहाड़े ३कु : कैसा नाज़ुक दौर है देखो -२
पहरेदार भी चोर है देखो -२
उजले उजले भेष में बन्दे
घूँघट खोलो तो ये नंगे
हुस्न यहाँ पर लुटते रहते -३
को : आ आ आ
दिन-दहाड़े ३कु : ऊँचे ऊँचे महलों वाले -२
कितने नीचे गिरते जाएं
बागडोर है हाथ में इनके
जिसको चाहे उसे नचाएं
चीख किसी की सुनी न जाए -३
को : आ आ आ
दिन-दहाड़े ३कु : कुल धरती शमशान बनी है -२
ज़ुल्मों का तूफ़ान बनी है
गांधी तिलक जवाहर भगत सिंह
कब तक ये सब कटते रहेंगे
ईसा सूली चढ़ाए जाते -३
को : आ आ आ
दिन-दहाड़े ३कु : तू चुप क्यों है ऊपर वाले
अरे तू क्यों चुप है ऊपर वाले
अब ये दुनिया कौन सम्भाले
एक पल तू धरती पे आ जा
चक्र सुदर्शन यहाँ चला जा
बर्बादी के सावन देखे -३
को : आ आ आ
दिन-दहाड़े ३
काम जहां में ...