दीवाना है कोई फिरता है राहों में ना बाबा - The Indic Lyrics Database

दीवाना है कोई फिरता है राहों में ना बाबा

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, सहगान, शंकर महादेवन | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - चैंपियन | वर्ष - 2000

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दीवाना है कोई फिरता है राहों में
कहता है मुझसे वो तू है निगाहों में
तू मेरी धड़कन में तू मेरी आहों में
इक दिन तो आएगी तू मेरी बाहों में
वो जो दीवाना है उस पे करम कर दे
इतनी जो दूरी है थोड़ी सी कम कर दे
सुन ले दीवाने की दास्तां
ना बाबा ना बाबा ना बाबा ना बाबा
हां बाबा हां बाबा हां बाबा हां बाबा
ना बाबा ना बाबा ...मुझ पे वो मरता है
मेरी अदाओं की तारीफ़ करता है खा के कसम
कहता है तू ही तो मेरी तमन्ना है
है तू ही महबूबा तू ही सनम
दिल तुझपे हारा है भोला है प्यारा है
कैसा बेचारा है
ऐसा आशिक़ मिलेगा कहां
ना बाबा ना बाबा ...मुझसे वो कहता है कहता ही रहता है
मैं प्यार में ये भी कर जाऊंगा
तूने ना देखा तो तूने ना चाहा तो
मैं जान दे दूंगा मर जाऊंगा
उसको बचा ले तू उसको मना ले तू
उसको बुला ले तू
होगी क्या उसपे तू मेहरबां
ना बाबा ना बाबा ...