मेहंदी है रचनेवली - The Indic Lyrics Database

मेहंदी है रचनेवली

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - अलका याज्ञनिक | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - ज़ुबैदा | वर्ष - 2000

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मेहंदी है रचनेवाली हाथों में गहरी लालीकहें सखियाँ अब कलियाँ हाथों में खिलने वाली हैंतेरे मन को जीवन को नई ख़ुशियाँ मिलने वाली हैंहो हरियाली बन्नोले जाने तुझ को गुईयाँ आने वाले हैं सैयाँथामेंगे आ के बइयाँ गूँजेगी शहनाई अंगनाई अंगनाईगायें मइया और मौसी गायें बहना और भाभीकि मेहंदी खिल जाये रंग लाये हरियाली बन्नीगायें फूफी और चाची गायें नानी और दादीसिन्गिन्ग)कि मेहंदी मन भाये सज जाये हरियाली बन्नीमेहंदी रूप सँवारे हो मेहंदी रंग निखारे होहरियाली बन्नी के आँचल में उतरेंगे तारेगाजे बाजे बाराती घोड़ा गाड़ी और हाथी कोलायेंगे साजन तेरे आँगन हरियाली बन्नीतेरी मेहंदी वो देखेंगे तो अपना दिल रख देंगे वोपैरों में तेरे चुपके से हरियाली बन्नी