मैं चली, मैं चली, पीछे पीछे जहां - The Indic Lyrics Database

मैं चली, मैं चली, पीछे पीछे जहां

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता - रफी | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - प्रोफ़ेसर | वर्ष - 1962

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मैं चली मैं चली, पीछे पीछे जहां
ये ना पूछो किधर, ये ना पूछो कहाँ
सजदे में हुस्न के झूक गया आसमां
लो शुरू हो गयी प्यार की दास्तां
जाओ जहाँ कही आँखों से दूर, दिल से ना जाओगे मेरे हुजूर
जादू फिजाओं का छाया सूरूर, ऐसे में बहके तो किसका कुसूर
बहके कदम चाहे बहके नज़र, जायेंगे दिल लेके जाये जिधर
प्यार की राहों में प्यारा सफ़र, हम खो भी जाये तो क्या है फिकर