बहोत दूर हो के बहोत पास हो तुम - The Indic Lyrics Database

बहोत दूर हो के बहोत पास हो तुम

गीतकार - अंजान | गायक - किशोर कुमार | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - नामुमकिन | वर्ष - 1988

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बहोत दूर हो के बहोत पास हो तुम
मेरी ज़िन्दगी, मेरा एहसास हो तुम
धुआँ जब हो राहें, थामे मेरी बाहें
जुल्फें बिखेरे चलती हो तुम
कभी दिल पे मेरे, घिरे जब अँधेरे
दिल में शमा सी जलती हो तुम
जो बुझ के बुझे ना वो ही प्यास हो तुम
यहाँ तुम नहीं तो, कही कुछ नहीं है
मेरे लिये हो सबकुछ तुम ही
कहीं हम कहीं हैं, कहीं तुम कहीं हो
एक दिन मिलेंगे हमतुम कहीं
जो मरके मिटे ना वो ही आस हो तुम
मेरी धडकनों में जाने क्या तराने
धीमे सूरों में गाती हो तुम
जाने किस जहां से, ले के क्या संदेसा
साँसों में आती जाती हो तुम
मेरे दिल की धड़कन मेरी सांस हो तुम