तेरे क़दमों मन बिखर जाने को जी चाहता हैं - The Indic Lyrics Database

तेरे क़दमों मन बिखर जाने को जी चाहता हैं

गीतकार - | गायक - नूरजहां | संगीत - खलील अहमद | फ़िल्म - तल्लाख (पाकिस्तानी-फिल्म) | वर्ष - 1976

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तेरे क़दमों में बिखर जाने को जी चाहता है -२
आज तो प्यार में
आज तो प्यार में मर जाने को जी चाहता है
तेरे क़दमों में बिखर जाने को जी चाहता है
तेरे क़दमों मेंआरज़ू थी के तेरे प्यार की बाँहों में रहूँ
मिल गई बाँह तेरी और मैं क्या जी के करूँ
बस यहीं जाँ से
बस यहीं जाँ से गुज़र जाने को जी चाहता है
तेरे क़दमों में बिखर जाने को जी चाहता है
तेरे क़दमों मेंतेरे एहसास में यूँ प्यार मेरा छा आये
जब भी दिल धड़के तेरा लब पे मेरा नाम आये
आँख से दिल में
आँख से दिल में उतर जाने को जी चाहता है
तेरे क़दमों में बिखर जाने को जी चाहता है
तेरे क़दमों में