जिधर देखता हुन अगर तेरी दुनिया में - The Indic Lyrics Database

जिधर देखता हुन अगर तेरी दुनिया में

गीतकार - कैफ इरफानी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - शेरू | वर्ष - 1957

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जिधर देखता हूँ उधर हैं अँधेरे
सवेरा कहाँ है ओ भगवान मेरेअगर तेरी दुनिया में ये ग़म रहेंगे
तो फिर तेरी दुनिया में क्या हम रहेंगे
अगर तेरी दुनिया ...हैं तेरे जहाँ में कहीं तो बहारें
कहीं उठ रहीं है ग़मों की पुकारें
यही ज़िन्दगी है तो क्या ख़ुश रहेंगे
अगर तेरी दुनिया ...ना इतना सता तुझे हम बता दें
ये आहों के शोले ना तुझको जला दें
बता कब तलक़ ये सितम हम सहेंगे
अगर तेरी दुनिया ...रहेगा सितम का अगर ये अँधेरा
तो मिट जाएगा नाम दुनिया से तेरा
है मालिक भी झूठा सभी ये कहेंगे
अगर तेरी दुनिया ...