उन्हें भी राज ए उल्फत की ना होने दी कबार मैंने - The Indic Lyrics Database

उन्हें भी राज ए उल्फत की ना होने दी कबार मैंने

गीतकार - नक्षबी | गायक - जोहराबाई अंबलेवाली | संगीत - राशिद अत्रे | फ़िल्म - नतीजा | वर्ष - 1947

View in Roman

उन्हें भी राज़-ए-उल्फ़त की ना होने दी ख़बर मैं ने
नज़र मिल भी गई तो ख़ुद बचा ली है नज़र मैं नेक़दम जब मैं ने रखा राह-ए-उल्फ़त में तो दुनिया ने
मुझे आवाज़ दी लेकिन ना देखा चौंक कर मैं नेभला ग़ैरों से क्या मतलब जो मैं उन से गिल करता
शिकायत तुम से की है तुम को अपना जान कर मैं नेकहाँ मैं और कहाँ दैर-ओ-हरम की कश्मकश नख़्शाब
किसी के नक़्श-ए-पा पर रख दिया जब आज सर मैं ने