ये दिल दीवाना है, दिल तो दीवाना है - The Indic Lyrics Database

ये दिल दीवाना है, दिल तो दीवाना है

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मुकेश | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - दिल ने फिर याद किया | वर्ष - 1966

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ये दिल दीवाना है, दिल तो दीवाना है
दीवाना दिल है ये, दिल दीवाना
कैसा बेदर्दी है, इसकी तो मर्ज़ी है
जब तक जवानी है, ये रुत सुहानी है
नज़रें जुदा ना हो, अरमां ख़फ़ा ना हों
दिलकश बहारों में छुपके चिनारों में
यूँ ही सदा हम तुम, बैठे रहें गुमसुम
वो बेवफ़ा जो कहे हमको जाना है
बेचैन रहता है, चुपके से कहता है
मुझको धड़कने दो, शोला भड़कने दो
काँटों में कलियों में, साजन की गलियों में
फ़ेरा लगाने दो, छोड़ो भी जाने दो
खो तो न जाऊंगा, मैं लौट आऊंगा
देखा सुना समझे अच्छा बहाना है
सावन के आते ही, बादल के छाते है
फूलों के मौसम में, धूलों के मौसम मैं
चलते ही पुरवाई, मिलते ही तन्हाई
उलझा के बातों में, कहता है रातों में
यादों में खो जाओ, जल्दी से सो जाओ
क्योंकि सांवरिया को सपनों में आना है