संभलकर खेलना - The Indic Lyrics Database

संभलकर खेलना

गीतकार - शकील | गायक - रफी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - उड़न खटोला | वर्ष - 1955

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संभलकर खेलना
दरिया से मौजों की रवानी में
जलेंगे दिल हज़ारों
आग लग जायेगी पानी में
ना तूफ़ाँ से खेलो
ना साहिल से खेलो
मेरे पास आओ
मेरे दिल से खेलो
ना तूफ़ाँ से खेलो
ये कहते हैं तुमसे
उमंगों के धारे
लगा दो मुहब्बत की
नैया किनारे
चलो दिल की दुनिया में
संग-संग हमारे
मिला है जो रस्ता तो मंज़िल से खेलो
मेरे पास आओ
मेरे दिल से खेलो
ना तूफ़ाँ से खेलो
लगी दिल की पानी से
बुझ ना सकेगी
जहाँ तक बुझाओगे
बढ़ती रहेगी
न सोचो के दुनिया
हमें क्या कहेगी
मुहब्बत है मुशक़िल तो मुश्किल से खेलो
मेरे पास आओ
मेरे दिल से खेलो
ना तूफ़ाँ से खेलो
मेरे पास आओ
मेरे दिल से खेलो
ना तूफ़ाँ से खेलो$