अभी कमसिन हो - The Indic Lyrics Database

अभी कमसिन हो

गीतकार - असद भोपाली | गायक - रफी | संगीत - लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल | फ़िल्म - आया तूफ़ान | वर्ष - 1964

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रेलुदे
ट्वो एमले Sइन्गेर्स
बुरा न मानो सनम, अपना दिल हमें दे दो
एमले Sइन्गेर
हमारी बात रखो
एमले Sइन्गेर
हमें भी साथ रखो
ओथ एमले इन्गेर्स :
तुम्हें हमारी क़सम
तुम्हें हमारी क़सम अपना दिल हमें दे दो
बुरा न मानो सनम अपना दिल हमें दे दो
पौसे
अभी कमसिन हो, नादाँ हो जाने जाना
क्या करोगी मेरा दिल, तोड़ दोगी मेरा दिल
पहले सीखो दिल लगाना
अभी कमसिन हो, नादाँ हो जाने जाना
बहुत हसीन हो ठहरो, शबाब आने दो
शरीर आँखों में शर्म-ओ-हिजाब आने दो
तुम्हारे सामने फिर बेशुमार दिल होंगे
दिल होंगे
जहाँ भी जाओगी सजदे हज़ार दिल होंगे
आने वाला है, हाँ, आने वाला है अब
ऐसा क़ातिल ज़माना
पौसे
अभी कमसिन हो ...
गुनाह ठहरेगा सबसे नज़र मिलाना भी
बनेगा जुर्म किसी दिन, ये मुस्कुराना भी
कभी जो दिल की कसक दर्द बनके उभरेगी
उभरेगी
तड़प तड़प के शब-ए-इन्तज़ार गुज़रेगी
कोई पूछेगा, हाँ, कोई पूछेगा जब
क्या करोगी बहाना
पौसे
अभी कमसिन हो ...