संभाला है मैंने बहोत अपने दिल को - The Indic Lyrics Database

संभाला है मैंने बहोत अपने दिल को

गीतकार - कतील शिफाई | गायक - कुमार सानू | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - नाराज़ | वर्ष - 1994

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संभाला है मैंने बहोत अपने दिल को
जुबां पर तेरा फिर भी नाम आ रहा है
जहाँ राज़ को छुपाया ना जाए
मोहब्बत में ऐसा मकाम आ रहा है
बनाया है मैने तुझे अपना साक़ी
रहे किस तरह फिर मेरे होश बाकी
नज़र यूँ बहकने लगी है कि जैसे
मेरे सामने कोई जाम आ रहा है
ये ज़ुल्फों के बादल घनेरे, घनेरे
मेरे बाजूओं पर जो तू ने बिखेरे
मैं समझा के जैसे मेरी धड़कनों को
तेरी धड़कनों का पयाम आ रहा है