अब यहाँ कोई नहीं - The Indic Lyrics Database

अब यहाँ कोई नहीं

गीतकार - अहमद राही | गायक - नूरजहां | संगीत - सलीम इकबाल | फ़िल्म - बाजी (पाकिस्तान) | वर्ष - 1963

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अब यहाँ कोई नहीं, कोई नहीं आएगा
दिल-ए-तनहा ग़म-ए-तनहाई में ढल जाएगा
अब यहाँ कोई नहीं, कोई नहीं आएगा
अब यहाँ कोई नहीं
ये हसीं चाँद है या दीदा-ए-हैराँ कोई
ये मेरा दिल है के है महफ़िल-ए-वीराँ कोई
ज़िंदगी है के ये है ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ कोई
कौन इस उलझी हुई ज़ुल्फ़ को सुलझाएगा
अब यहाँ कोई नहीं, कोई नहीं आएगा
अब यहाँ कोई नहीं
दासताँ ख़त्म मेरे दर्द की हो जाएगी
साथ ही तेरे तेरी याद भी खो जाएगी
मुंतज़िर आँख भी थक हार के सो जाएगी
रात का आख़री आँसू भी छलक जाएगा
अब यहाँ कोई नहीं, कोई नहीं आएगा
अब यहाँ कोई नहीं