क्या बतायें कितनी हसरत - The Indic Lyrics Database

क्या बतायें कितनी हसरत

गीतकार - शकील | गायक - ज़ोहरा बाई | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - नाटक | वर्ष - 1947

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ओ क्या ये ही जवानी है



क्या ये ही जवानी है

हर दिन है निखरा हुआ

हर रात सुहानी है

क्या ये ही जवानी है

मैं ग़ैरों से क्यूँ पूछूँ

मैं ग़ैरों से क्यूँ पूछूँ

मैं अपनों से क्यूँ पूछूँ

आईना जो कहा है

तू हुस्न की रानी है

क्या ये ही जवानी है

क्या कहूँ के कौन आ कर

क्या कहूँ के कौन आ कर

सपनों में बुलाता है

खुलते ही मेरी आँखें

जाने कहाँ जाता है

ये मेरी कहानी है

क्या ये ही जवानी है

जाते हुये बचपन से

जाते हुये बचपन से

आते हुये जौवन से

दोनों से मैं कहती हूँ

ये दिल की नई है दुनिया

अब कैसे बसानी है

क्या ये ही जवानी है