रुत फिरे पर दिन हमारे - The Indic Lyrics Database

रुत फिरे पर दिन हमारे

गीतकार - साहिर | गायक - गीता | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - प्यासा | वर्ष - 1957

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रुत फिरे पर दिन हमारे, फिरे ना फिरे ना फिरे ना
रुत फिरे पर दिन हमारे
धर्ति पे रंग छाया, दुनिया के भाग जागे
लेकिन वही अन्धेरा अब तक है अपने आगे
रुत फिरे पर दिन हमारे
पहुँची ना अपनी नैय्या,अब तक किसी किनारे
कोई नहीं जो हमको अपनी तरफ़ पुकारे
इस पार कुछ नहीं है उस पार कुछ नहीं है
अपने लिये सिवाए मझधार कुछ नहीं है
रुत फिरे पर दिन हमारे $