मैं सोचाता हूँ तो जिंदगी कितनी खाली होती - The Indic Lyrics Database

मैं सोचाता हूँ तो जिंदगी कितनी खाली होती

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - कुमार शानू, अलका याज्ञनिक | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - वजूद | वर्ष - 1998

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मैं सोचता हूँ तुम्हारी दुनिया से दूर मैने
जो कोई दुनिया बसा ली होती तो ज़िंदगी कितनी खाली होतीमैं सोचती हूँ कि मेरे सपनों में तुम ही तुम हो
ये बात मैने छुपा ली होती तो ज़िंदगी कितनी खाली होतीमैं क्या बताऊं के तुमसे मिल के मैं किस तरह से बदल गई हूँ
हो मैं फूल बनके महक रही हूँ मैं शमा बन के पिघल गई हूँ
मैं सोचता हूँ जो तुम न लातीं हसीं उजाले
तो रात होती जो काली होती तो ज़िंदगी कितनी खाली होतीजो तुम नहीं थीं तो जैसे मेरी हर इक खुशी में कोई कमी थी
मैं हँस रहा था मगर इन आँखों में फिर भी जैसे कोई नमी थी
मैं सोचती हूँ जो आरज़ू है वो दिल में रहती
न हमने लब से निकाली होती तो ज़िंदगी कितनी खाली होती
मैं सोचता हूँ ...