पिया मिलन को जात हुं - The Indic Lyrics Database

पिया मिलन को जात हुं

गीतकार - केदार शर्मा | गायक - पहाड़ी सान्याल, कानन देवी, के सी दे | संगीत - आर सी बोराल | फ़िल्म - विद्यापति | वर्ष - 1937

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प : पिया-मिलन को जात हूँ सज-धज सीश गुँधाय -२
( लोग कहत मैं बाँवरी सब जग हँसी उड़ाय
सब जग हँसी उड़ाय ) -२का : वो क्या जाने
जो मरने से घबराये
वो क्या जाने प्रेम की धुन
जो मरने से घबरायेओ महाराज आप अभी तक खड़े हैं
पूजा की तय्यारी नहीं होगी
तुम्हें क्यों कर मालूम हुआ
कि पूजा की तय्यारी करनी होगी
ख़ूब
इतने दिनों से मैं इसी घड़ी का इंतज़ार कर रही थी
मैं जानती थी कि वो दिन आयेगा
जब आपके राजा और मेरी रानी एक साथ कहेंगे
पूजा की तय्यारी करो
इस पूजा के लिये मंदिर में मुझे भी ले चलो अनुराधा
चलो मधुसूदन दादा
अनुराधा
उठो
संध्या होते ही प्रेदीप जलेगा,
देवदासी न्रित्य करेंगी
तुम गीत गाओगे
भगवान जाग उठेंगे
भक्तों को देख कर मुस्करायेंगे??गिरता है -२
नादान सम्भल -२
क्यूँ गिरता है -२
जग की माया -२
फेंक रही है
??
जग की मायाप : लो प्रीत की जीत है जीता जग -२
जो बिछड़े थे वो मिल जायें
का : लो प्रीत की जीत है जीता जग -२
जो बिछड़े थे वो मिल जायें
प : तू तू न रहे
का : मैं मैं न रहूँ
दो : तू तू न रहे मैं मैं न रहूँ
कुछ ऐसे हम घुल-मिल जायें
तू तू न रहे मैं मैं न रहूँ -२
प : कुछ ऐसे हम घुल-मिल जायें