बहारों थाम लो अब दिल - The Indic Lyrics Database

बहारों थाम लो अब दिल

गीतकार - अंजान | गायक - लता - मुकेश | संगीत - जी. एस. कोहली | फ़िल्म - नमस्ते जी | वर्ष - 1965

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बहारों थाम लो अब दिल मेरा मेहबूब आता है
शरारत कर ना नाजुक दिल शर्म से डूब जाता है
कहर अंदाज़ हैं तेरे, क़यामत है तेरी बातें
मेरी तो जान ले लेंगी ये बातें ये मुलाकतें
सनम शरमाए जब ऐसे मजा कुछ और आता है
लबों पर हंसी क़ातिल, गजब जादू निगाहों में
कसम तुझको मोहब्बत की मचल ना ऐसे राहों में
मचल जाता है दिल जब रूबरू दिलदार आता है