ये दामन अब ना छूटेगा कभी चाहे खफ़ा तुम हो - The Indic Lyrics Database

ये दामन अब ना छूटेगा कभी चाहे खफ़ा तुम हो

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - श्रीमान फंटूश | वर्ष - 1965

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ये दामन अब ना छूटेगा कभी चाहे खफ़ा तुम हो
कहाँ जाऊँ के मेरी ज़िंदगी का आसरा तुम हो
उसी ने दुःख दिया जिसको पुकारा मेरी आहों ने
उन्ही से ज़ख़्म पाये जिनको देखा इन निगाहों ने
मसीहा मेरे अब इन सारे ज़ख्मों की दवा तुम हो
मैं सर से पाँव तक अपने ही अश्कोंमे नहाई हूँ
लरजते काँपते दिल से तुम्हारे पास आई हूँ
छुपा लो अपनी बाहों में मेरे गम आशना तुम हो