दो नैना मतावरे तिहारे हम पर ज़ुल्म करे - The Indic Lyrics Database

दो नैना मतावरे तिहारे हम पर ज़ुल्म करे

गीतकार - पं. भूषण | गायक - के एल सहगल | संगीत - पंकज मलिक | फ़िल्म - | वर्ष - 1944

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दो नैना मतवारे तिहारे-२, हम पर ज़ुल्म करे
दो नैना मतवारे तिहारे-२, हम पर ज़ुल्म करेनैनों में रहे तो, सुध बुध खोये-२
छुपे तो चैन हरे
दो नैना मतवारे तिहारे-२, हम पर ज़ुल्म करेतन तन के चलाए तीर, नस नस में उठाए पीर-२
मदभरे रसीले निठोर बड़े, न डरे न धर धरे
दो नैना मतवारे तिहारे-२, हम पर ज़ुल्म करेजब होती हो तुम उस पार, नस नस में उठाए पीर-२
मन की बीना के बज उठते, जोर जोर से तार
दो नैना मतवारे तिहारे-२, हम पर ज़ुल्म करेपास आए तो ऐसे भूल गए, पल ख्यन में सब कुछ भूल गए-२
खुशियों के सोते उबल पड़े, हर अंग तो रंग भरे
दो नैना मतवारे तिहारे-२, हम पर ज़ुल्म करे