बहार बन के वो मुस्कुराए हमारे गुलशन में - The Indic Lyrics Database

बहार बन के वो मुस्कुराए हमारे गुलशन में

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - अपने हुए परये | वर्ष - 1964

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बहार बनके वो मुस्कुराए हमारे गुलशन में
बाद-ए-सबा तू न आए तो क्या
काली घटा तू न छाए तो क्या
मेरे दिल की राहों पे मेरे संग संग आ
तुझको दिखला दूँ मैं हमदम अपना
रंगोंभरी दुनिया मेरी, मेरा प्यार पहला
छूप के कोई आया है जब से दिल में
हर दिन नयी हलचल है मेरी महफ़िल में
धड़कन मेरी गाने लगी, अब ये गीत उन का
मतवाली डोलू मैं खोई सपनों में
अब मेरा दिल लागे ना मेरे अपनों में
क्या मिल गया, क्या खो गया, दिल ही जाने मेरा