नसीब इंसान का हम तुम्हें चाहेते हैं ऐसे - The Indic Lyrics Database

नसीब इंसान का हम तुम्हें चाहेते हैं ऐसे

गीतकार - इन्दीवर | गायक - मनहर, कंचन, आनंद कुमार | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - कुर्बानी | वर्ष - 1980

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आ: ओ हो
नसीब इंसान का -२
नसीब इंसान का चाहत से ही सँवरता है
क्या बुरा इसमें किसी पर जो कोई मरता हैम: हम तुम्हें चाहते हैं ऐसे -२
मरने वाला कोई
मरने वाला कोई ज़िंदगी चाहता हो जैसे
हम तुम्हें चाहते हैं ऐसेरूठ जाओ अगर तुम तो क्या हो -२
पल में ऐसे लगे
पल में ऐसे लगे जिस्म से जान जैसे जुदा हो
हम तुम्हें चाहते हैं ऐसे
मरने वाला कोई
मरने वाला कोई ज़िंदगी चाहता हो जैसे
हम तुम्हें चाहते हैं ऐसेक: हा
र र
हा
रु र र
ज़रा पूछो तो मेरा इरादा -२
मुझे किससे है प्यार मेरे दिल का है कौन शहज़ादा
ज़रा पूछो तो मेरा इरादामेरे ख़ाबों में जो सज रहा है -२
वो ख़ुदा तो नहीं पर ज़माने में सबसे जुदा है
मेरे ख़ाबों में जो सज रहा हैम: ज़िंदगी बिन तुम्हारे अधूरी -२
तुमको पा लूँ अगर
तुमको पा लूँ अगर हर कमीं मेरी हो जाये पूरी
ज़िंदगी बिन तुम्हारे अधूरीले चलेंगे तुम्हें हम वहाँ पर -२
तन्हाई सनम
तन्हाई सनम शहनाई बन जाये जहाँ पर
हम तुम्हें चाहते हैं ऐसेहम तुम्हें चाहते हैं ऐसे
मरने वाला कोई
मरने वाला कोई ज़िंदगी चाहता हो जैसे
हम तुम्हें चाहते हैं ऐसे