किसी छलिया के नैनों के - The Indic Lyrics Database

किसी छलिया के नैनों के

गीतकार - | गायक - आशा: | संगीत - मन्ना दे | फ़िल्म - नागचंपा | वर्ष - 1958

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किसी छलिया के नैनों के जाल में
मोरे नैना उलझ गए मैं क्या करूँ
मैंने सब से छुपाया जिस बात को
उसे सब ही समझ गए मैं क्या करूँ
हो
मैं तो रहती थी खुद को छुपाए हुए
सारी दुनिया से नज़रें चुराए हुए
उसे देखा तो
उसे देखा तो बैरन पायल के
सारे घूँघरिये बज उठे मैं क्या करूँ
हो
प्रीत का गीत ये पहले गाया न था
कभी पलकों का घूँघट उठाया न था
मिले नैना तो
मिले नैना साँवरिया से लाज और शरम
साथ सब मेरा तज गए मैं क्या करूँ
हो
चाह मिलने की दिल में दबाए हुए
राह देखूँ मैं आँखें बिछाए हुए
देखने को
देखने को सजन मेरा तेरा मिलन
चाँद तारे भी सज गए मैं क्या करूँ