कहीं देख अकेली नार खेत के पार कोई ना आइयो - The Indic Lyrics Database

कहीं देख अकेली नार खेत के पार कोई ना आइयो

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - तलाश | वर्ष - 1957

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कहीं देख अकेली नार खेत के पार कोई न आइयो -२
मेरे नैन मुसाफ़िर मार बच कर रहियो जी बच कर रहियो
कहीं देख अकेली नार खेत के पार कोई न आइयोदेख रूप की धूप रास्ता भूल न जाना राही -२
खिले फूल को सोच समझ कर हाथ लगाना राही
मैं हूँ फूलों की रखवार -२
खेत के पार कोई न आइयो
कहीं देख अकेली नार खेत के पार कोई न आइयोखुली हवा में सरर सरर जब मेरा दुपट्टवा झूमे
हाँ
खुली हवा में सरर सरर जब मेरा दुपट्टवा झूमे
छोड़ के धरती हौले हौले नील गगन को चूमे
उड़ें जब ज़ुल्फ़ें घूँघरदार -२
खेत के पार कोई न आइयो
कहीं देख अकेली नार खेत के पार कोई न आइयोहिरनी बन कर खेत खेत में अपनी धुन में डोलूँ -२
मेरा दूसरा नाम जवानी बोल अनोखे बोलूँ
मैं कहती बारम्बार
सुनो मैं कहती बारम्बार
खेत के पार कोई न आइयो
कहीं देख अकेली नार खेत के पार कोई न आइयो