पट्टा पट्टा बुता बुता हाल हमारा जाने है - The Indic Lyrics Database

पट्टा पट्टा बुता बुता हाल हमारा जाने है

गीतकार - मीर तकी मिरो | गायक - मेहदी हसन | संगीत - नियाज़ हुसैन शमी | फ़िल्म - मेहदी हसन की बेहतरीन ग़ज़लें (गैर फ़िल्म) | वर्ष - 1985

View in Roman दुमदार आब-ए-तेग़ को उनके आप गवारा जाने है
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पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है
जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने हैचारागरी बीमारी-ए-दिल की रस्म-ए-शहर-ए-हुस्न नहीं
वरना दिलबर-ए-नादाँ भी इस दर्द का चारा जाने हैमेहर-ओ-वफ़ा-ओ-लुत्फ़-ओ-इनायत एक से वाक़िफ़ इनमें नहीं
और तो सब कुछ तंज़-ओ-किनाया रम्ज़-ओ-इशारा जाने हैक्या क्या फ़ित्ने सर पर उसके लाता है माशूक़ अपना
जिस बे-दिल बे-ताब-ओ-तुवाँ को इश्क़ का मारा जाने हैआशिक़ सा तो सादा कोई और न होगा दुनिया में
जी के ज़िया को इश्क़ में उनके अपना वारा जाने हैआशिक़ तो मुर्दा है हमेशा जी उठता है देखते ही
यार के आ जाने को यक़ायक़ उम्र दोबारा जाने हैलगने ना दें बस हो तो उसके गौहर-ए-गोश को बाले तक
उसको फ़लक़ ?? का तारा जाने हैआगे उस मुनकिर के हम ख़ुदा ख़ुदा क्या करते
कब मौजूद ख़ुदा को वो मफ़्रूर ख़ुदारा जाने हैक्या हो शिकार फ़रेबी पर मगरूर है वो सय्याद बच्चा
ताइर उड़ते हवा में सारे अपनी उसारा जाने हैतश्ना ख़ूँ है अपना कितना 'मीर' भी कितना तल्ख़ीकश
दुमदार आब-ए-तेग़ को उनके आप गवारा जाने है