किताब ए दर्द में लिखा मेरे गम का फसाना है - The Indic Lyrics Database

किताब ए दर्द में लिखा मेरे गम का फसाना है

गीतकार - | गायक - अकबर खान दुर्रानी पेशावरी? | संगीत - मुश्ताक अहमद (बरेली वाले) | फ़िल्म - सुल्ताना | वर्ष - 1934

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किताब-ए-दर्द में लिखा मेरे ग़म का फ़साना है
ब-कूर-ए-यास-ओ-हसरत से भरा दिल का ख़ज़ाना है
किताब-ए-दर्द में लिन एक लम्हा हा भी जा लाया कभी इस दर-ए-फ़ानी में -२
मिला मौक़ा जिसे मुझको बनाता वो निशाना है
किताब-ए-दर्द में लिखा मेरे ग़म का फ़साना है
ब-कूर-ए-यास-ओ-हसउमीदें मिट मिट गईं सारी फ़लक़ कि ये भी ज़रीबी से है -२
जिसे अपना समझता था हुआ वो भी बेगाना है
किताब-ए-दर्द में लिखा मेरे ग़म का फ़साना है
किताब-ए-दर्द में लिखा