तुम जैसे बिगड़े बाबू से मैं अंखियां बचाउं - The Indic Lyrics Database

तुम जैसे बिगड़े बाबू से मैं अंखियां बचाउं

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - जब प्यार किसी से होता है | वर्ष - 1961

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तुम जैसे बिगड़े बाबू से मैं अँखियाँ बचाऊँ
थिन-गिन थिन-गिन नाचूँ और दुनिया को नचाऊँ
तुम जैसे बिगड़े ...आँखों में मधुशाले रंग भरे ये प्याले
चंदा-सूरज दोनों मेरे कानों के हैं बाले -२
अपने आप को क्या समझो हो बाबू ओ बाबू
तुम जैसे बिगड़े ...मुख पे लट लहराए घन बदरा शरमाए
नील गगन का बाँका राही पायल बाँधने आए -२
अपने आप को क्या समझो हो बाबू ओ बाबू
तुम जैसे बिगड़े ...