दुउर बहुत मत जायिये नाज़ानिं बड़ा रंगीं हैं - The Indic Lyrics Database

दुउर बहुत मत जायिये नाज़ानिं बड़ा रंगीं हैं

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - फिर वही दिल लाया हूं | वर्ष - 1963

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र: दूर बहुत मत जाइये, लेके क़रार हमारा
ऐसा न हो, कोई लूट ले, राह में प्यार हमाराल: पास रहो या दूर तुम, तुम हो साथ हमारे
देंगे गवाही पूछ लो, ये ख़ामोश नज़ारेर: (नाज़नीं बड़ा रँगीं है वादा तेरा
ओ हसीं, है किधर का इरादा तेरा) -२
आँख मुड़ती हुई, ज़ुल्फ़ उड़ती हुई
फ़ासला क्यों है ज़्यादा तेरा
ल: ओ हमदम मेरे, खेल न जानो चाहत के इक़रार को
जान-ए-जहाँ, याद करोगे, इक दिन मेरे प्यार कोल: छाये हो, मेरे दिल पे, नज़र पे तुम्हीं
आज तो, मेरी उल्फ़त का कर लो यकीं
ए जी हमसे तुम्हें एक लगावट तो है
तुम्हें हमसे मुहोब्बत नहींर: (हमसफ़र, तू ही मेरा है लेकिन सनम
साथ में, हैं किसी अजनबी के कदम) -२
मेरी उलझन यूँही बेसबब तो नहीं
दिल की बेताबियों की कसम, ओल: हमदम मेरे, खेल न जानो, चाहत के इक़रार को
जान-ए-जहाँ, याद करोगे, इक दिन मेरे प्यार को