ये कवाब सा देखा था बस जान ए वफा तुम हो - The Indic Lyrics Database

ये कवाब सा देखा था बस जान ए वफा तुम हो

गीतकार - नक्श लायलपुरी | गायक - हरिहरन | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - आई तेरी यादी | वर्ष - 1980

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ये ख़्वाब सा देखा था बस जान-ए-वफ़ा तुम हो
हम जागे तो ये जाना जीने की सज़ा तुम होअरमान भरे दिल को इक ज़हर पिलाया है
वह साज़ हो तुम जिसने नग़्मों को रुलाया है
अब तुम ही ज़रा सोचो क्या इसके सिवा तुम होतुम प्यासी निगाहों की क्या प्यास बुझाओगी
कुछ दर्द सिवा होगा जब सामने आओगी
बेजान बहारों की बेरंग फ़िज़ा तुम होजिस हाल में हैं हमको उस हाल में रहने दो
अश्कों की ज़ुबाँ से तुम इतना हमें कहने दो
जो रूह को झुलसा दे वो गर्म हवा तुम्हो