चमन को युं मेरे साकी ने मयकाना बनाना डाला - The Indic Lyrics Database

चमन को युं मेरे साकी ने मयकाना बनाना डाला

गीतकार - | गायक - जहांआरा कजान | संगीत - मास्टर नगर दास नायक | फ़िल्म - इंद्रसभा | वर्ष - 1932

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चमन को यूँ मेरे साक़ी ने मयख़ाना बना डाला
कली को शीश-ए-मय गुल को पैमाना बना डालागिरफ़्तार बला-ए-इश्क़ तो पहले ही था लेकिन
तुम्हारे गेसुओं ने और दीवाना बना डालाभला कुछ बात थी बेबात इतना तूल खींचा है
सवाल-ए-वस्ल को ज़ालिम ने अफ़साना बना डालाख़ुदा के घर में कब्ज़ा कर लिया अन्धेर तो देखो
बुतों ने दिल में रहकर दिल को बुतख़ाना बना डाला